Baglamukhi Kavach ( बगलामुखी कवच)

Baglamukhi Kavach ( बगलामुखी कवच )

( Baglamukhi Kavach ) मां बगलामुखी के प्रत्येक साधक को प्रतिदिन जाप प्रारम्भ करने से पहले इस कवच का पाठ अवश्य करना चाहिए । यदि हो सके तो सुबह दोपहर शाम तीनों समय इसका पाठ करें । यह कवच विश्वसारोद्धार तन्त्र से लिया गया है। पार्वती जी के द्वारा भगवान शिव से पूछे जाने पर भगवती बगला के कवच के विषय में प्रभु वर्णन करते हैं कि देवी बगला शत्रुओं के कुल के लिये जंगल में लगी अग्नि के समान हैं। वे साम्रज्य देने वाली और मुक्ति प्रदान करने वाली हैं।

बगलामुखी कवच पढ़ने के लाभ  ( Baglamukhi Kavach Benefits in Hindi )

भगवती बगलामुखी के इस कवच के विषय में बहुत कुछ कहा गया है। इस कवच के पाठ से अपुत्र को धीर, वीर और शतायुष पुत्र की प्राप्ति होति है और निर्धन को धन प्राप्त होता है। महानिशा में इस कवच का पाठ करने से सात दिन में ही असाध्य कार्य भी सिद्ध हो जाते हैं। तीन रातों को पाठ करने से ही वशीकरण सिद्ध हो जाता है। मक्खन को इस कवच से अभिमन्त्रित करके यदि बन्धया स्त्री को खिलाया जाये, तो वह पुत्रवती हो जाती है। इसके पाठ व नित्य पूजन से मनुष्य बृहस्पति के समान हो जाता है, नारी समूह में साधक कामदेव के समान व शत्रओं के लिये यम के समान हो जाता है। मां बगला के प्रसाद से उसकी वाणी गद्य-पद्यमयी हो जाती है । उसके गले से कविता लहरी का प्रवाह होने लगता है। इस कवच का पुरश्चरण एक सौ ग्यारह पाठ करने से होता है, बिना पुरश्चरण के इसका उतना फल प्राप्त नहीं होता। इस कवच को भोजपत्र पर अष्टगंध से लिखकर पुरुष को दाहिने हाथ में व स्त्री को बायें हाथ में धारण करना चाहिये

भगवती बगलामुखी की उपासना कलियुग में सभी कष्टों एवं दुखों से मुक्ति प्रदान करने वाली है। संसार में कोई कष्ट अथवा दुख ऐसा नही है जो भगवती पीताम्बरा की सेवा एवं उपासना से दूर ना हो सकता हो, बस साधकों को चाहिए कि धैर्य पूर्वक प्रतिक्षण भगवती की सेवा करते रहें।

अधिक जानकारी के लिये ईमेल करें – shaktisadhna@yahoo.com अथवा कॉल करें – 9540674788, 9410030994

(कृपया दीक्षित साधक ही इसका जप करें। जिनकी दीक्षा नही हुई है वो सबसे पहले दीक्षा ग्रहण करें )

Baglamukhi Kavach Download बगलामुखी कवच डाउनलोड 

माँ बगलामुखी ध्यान

ॐ सौवर्णासन-संस्थितां त्रिनयनां पीतांशुकोल्लासिनीम्।

हेमाभांगरुचिं शशांक-मुकुटां सच्चम्पक स्रग्युताम्।।

हस्तैर्मुद्गर पाश वज्ररसनाः संबिभ्रतीं भूषणैः।

व्याप्तांगीं बगलामुखीं त्रिजगतां संस्तम्भिनीं चिन्तयेत्।।

विनियोग – ॐ अस्य श्री बगलामुखी ब्रह्मास्त्र मंत्र कवचस्य भैरव ऋषिः, विराट छ्ंदः, श्री बगलामुखी देव्य, क्लीं बीजम्, ऐं शक्तिः, श्रीं कीलकं, मम मनोभिलाषिते कार्य सिद्धयै विनियोगः।

बगलामुखी कवच

शिरो मे पातु ॐ ह्रीं ऐं श्रीं क्लीं पातु ललाटकम्। सम्बोधन-पदं पातु नेत्रे श्रीबगलानने।। (१)

श्रुतौ मम रिपुं पातु नासिकां नाशयद्वयम्। पातु गण्डौ सदा मामैश्वर्याण्यन्तं तु मस्तकम्।। (२)

देहि द्वन्द्वं सदा जिह्वां पातु शीघ्रं वचो मम। कण्ठदेशं मनः पातु वाञ्छितं बाहुमूलकम्।। (३)

कार्यं साधयद्वन्द्वं तु करौ पातु सदा मम। मायायुक्ता तथा स्वाहा हृदयं पातु सर्वदा।। (४)

अष्टाधिक चत्वारिंश दण्डाढया बगलामुखी। रक्षां करोतु सर्वत्र गृहेऽरण्ये सदा मम।। (५)

ब्रह्मास्त्राख्यो मनुः पातु सर्वांगे सर्व सन्धिषु। मन्त्रराजः सदा रक्षां करोतु मम सर्वदा।। (६)

ॐ ह्रीं पातु नाभिदेशं कटिं मे बगलाऽवतु। मुखिवर्णद्वयं पातु लिंग मे मुष्क-युग्मकम्।। (७)

जानुनी सर्वदुष्टानां पातु मे वर्णपञ्चकम्। वाचं मुखं तथा पादं षड्वर्णाः परमेश्वरी।। (८)

जंघायुग्मे सदा पातु बगला रिपुमोहिनी। स्तम्भयेति पदं पृष्ठं पातु वर्णत्रयं मम।। (९)

जिह्वा वर्णद्वयं पातु गुल्फौ मे कीलयेति च। पादोर्ध्व सर्वदा पातु बुद्धिं पादतले मम।। (१०)

विनाशय पदं पातु पादांगुल्योर्नखानि मे। ह्रीं बीजं सर्वदा पातु बुद्धिन्द्रियवचांसि मे।। (११)

सर्वांगं प्रणवः पातु स्वाहा रोमाणि मेऽवतु। ब्राह्मी पूर्वदले पातु चाग्नेय्यां विष्णुवल्लभा।। (१२)

माहेशी दक्षिणे पातु चामुण्डा राक्षसेऽवतु। कौमारी पश्चिमे पातु वायव्ये चापराजिता।। (१३)

वाराही चोत्तरे पातु नारसिंही शिवेऽवतु। ऊर्ध्वं पातु महालक्ष्मीः पाताले शारदाऽवतु।। (१४)

इत्यष्टौ शक्तयः पान्तु सायुधाश्च सवाहनाः। राजद्वारे महादुर्गे पातु मां गणनायकः।। (१५)

श्मशाने जलमध्ये च भैरवश्च सदाऽवतु। द्विभुजा रक्तवसनाः सर्वाभरणभूषिताः।। (१६)

योगिन्यः सर्वदा पान्तु महारण्ये सदा मम। इति ते कथितं देवि कवचं परमाद् भुतम्।। (१७)

फल-श्रुति

(फल-श्रुति  पढ़ना अनिवार्य नहीं है। )

श्रीविश्व विजयं नाम कीर्ति-श्रीविजय-प्रदम्। अपुत्रो लभते पुत्रं धीरं शूरं शतायुषम्।। (१८)

निर्धनो धनमाप्नोति कवचस्यास्य पाठतः। जपित्वा मन्त्रराजं तु ध्यात्वा श्रीबगलामुखीम्।। (१९)

पठेदिदं हि कवचं निशायां नियमात् तु यः। यद् यत् कामयते कामं साध्यासाध्ये महीतले।। (२०)

तत् यत् काममवाप्नोति सप्तरात्रेण शंकरि। गुरुं ध्यात्वा सुरां पीत्वा रात्रौ शक्ति-समन्वितः।। (२१)

कवचं यः पठेद् देवि तस्य आसाध्यं न किञ्चन। यं ध्यात्वा प्रजपेन् मंत्रं सहस्रं कवचं पठेत्।। (२२)

त्रिरात्रेण वशं याति मृत्योः तन्नात्र संशयः। लिखित्वा प्रतिमां शत्रोः सतालेन हरिद्रया।। (२३)

लिखित्वा हृदि तन्नाम तं ध्यात्वा प्रजपेन् मनुम्। एकविंशद् दिनं यावत् प्रत्यहं च सहस्रकम्।। (२४)

जपत्वा पठेत् तु कवचं चतुर् विं शतिवारकम्। संस्तम्भं जायते शत्रोर्नात्र कार्या विचारणा।। (२५)

विवादे विजयं तस्य संग्रामे जयमाप्नुयात्। श्मशाने च भयं नास्ति कवचस्य प्रभावतः।। (२६)

नवनीतं चाभिमन्त्र्य स्त्रीणां सद्यान् महेश्वरि। वन्ध्यायां जायते पुत्रो विद्याबल-समन्वितः।। (२७)

श्मशानांगार मादाय भौमे रात्रौ शनावथ। पादोद केन स्पृष्ट्वा च लिखेत् लोह शलाकया।। (२८)

भूमौ शत्रोः स्वरुपं च हृदि नाम समालिखेत्। हस्तं तद्धदये दत्वा कवचं तिथिवारकम्।। (२९)

ध्यात्वा जपेन् मन्त्रराजं नवरात्रं प्रयत्नतः। म्रियते ज्वरदाहेन दशमेऽह्नि न संशयः।। (३०)

भूर्जपत्रेष्विदं स्तोत्रम् अष्टगन्धेन संलिखेत्। धारयेद् दक्षिणे बाहौ नारी वामभुजे तथा।। (३१)

संग्रामे जयमाप्नोति नारी पुत्रवती भवेत्। ब्रह्मास्त्रदीनि शस्त्राणि नैव कृन्तन्ति तं जनम्।। (३२)

सम्पूज्य कवचं नित्यं पूजायाः फलमालभेत्। वृहस्पतिसमो वापि विभवे धनदोपमः।। (३३)

काम तुल्यश्च नारीणां शत्रूणां च यमोपमः। कवितालहरी तस्य भवेद् गंगा-प्रवाहवत्।। (३४)

गद्य-पद्य-मयी वाणी भवेद् देवी-प्रसादतः। एकादशशतं यावत् पुरश्चरण मुच्यते।। (३५)

पुरश्चर्या-विहीनं तु न चेदं फलदायकम्। न देयं परशीष्येभ्यो दुष्टेभ्यश्च विशेषतः।। (३६)

देयं शिष्याय भक्ताय पञ्चत्वं चान्यथाऽऽप्नुयात्। इदं कवचमज्ञात्वा भजेद् यो बगलामुखीम्। (३७)

शतकोटिं जपित्वा तु तस्य सिद्धिर्न जायते। दाराढ्यो मनुजोऽस्य लक्षजपतः प्राप्नोति सिद्धिं परां ।।

विद्यां श्रीविजयं तथा सुनियतं धीरं च वीरं वरम्।

ब्रह्मास्त्राख्य मनुं विलिख्य नितरां भूर्जेष्टगन्धेन वै, धृत्वा राजपुरं ब्रजन्ति खलु ये दासोऽस्ति तेषां नृपः।। (३८)

श्री विश्वसारोद्धार तन्त्रे पार्वतीश्वर संवादे बगलामुखी कवचम्।।

    बगलामुखी कवच पाठ करने की विधि

सर्व प्रथम गुरुदेव से बगलामुखी कवच की दीक्षा ग्रहण करें। फिर उनकी आज्ञा अनुसार कवच का कम से कम 1100 पाठ करने का संकल्प करें। 1100 कवच का पाठ आप 11 दिन में कर सकते हैं। साधना काल में ब्रह्मचर्य का पालन करें।  साधना रात्रि काल में करें। साधना करने से पहले पीले वस्त्र धारण करें। पीला आसन बिछा लें।

Baglamukhi Kavach Locket

जो लोग भगवती बगलामुखी साधना में दीक्षित नहीं हैं  एवं बगलामुखी कवच का लाभ लेना चाहते हैं, वो बगलामुखी कवच अपने हाथ में धारण कर सकते हैं। कवच प्राप्त करने के लिए निचे लिखी जानकारी हमे  9540674788 (whatsapp) अथवा  shaktisadhna@yahoo.com पर भेजें
१. आपका नाम
२. आपके माता पिता का नाम
३. आपका गोत्र
४. आपका फोटो

इस कवच को प्राप्त करने का शुल्क 2100/= है।

जो लोग भूत प्रेत बाधा अथवा शत्रुओ द्वारा किये गए अभिचारिक कर्मो से ग्रसित है उन्हें बगलामुखी प्रत्यंगिरा कवच धारण करना चाहिए एवं बगलामुखी व प्रत्यंगिरा दीक्षा लेकर उनकी साधना करनी चाहिए। बगलामुखी प्रत्यंगिरा कवच का शुल्क 5100/= है।

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Other very powerful baglamukhi mantras, stotras and kavach

यदि आप मंत्र साधना में और अधिक ज्ञान प्राप्त करना चाहते हैं तो गुरुदेव श्री योगेश्वरानंद जी द्वारा लिखित पुस्तकों का अध्ययन अवश्य कीजिये। ये पुस्तकें आप अमेज़न से खरीद सकते हैं –
श्री बगलामुखी तन्त्रम
मंत्र साधना एवं सिद्धि के रहस्य
अनुष्ठानों का रहस्य
आगम रहस्य
श्री कामाख्या रहस्यम
श्री तारा तंत्रम
श्री प्रत्यंगिरा साधना रहस्य
शाबर मंत्र सर्वस्व
यन्त्र साधना दुर्लभ यंत्रो का अनुपम संग्रह
श्री बगलामुखी साधना और सिद्धि
षोडशी महाविद्या श्री महात्रिपुर सुंदरी साधना श्री यंत्र पूजन पद्दति एवं स्तवन
श्री धूमावती साधना और सिद्धि

baglamukhi kavach in hindi and sanskrit part 1

baglamukhi kavach in hindi and sanskrit part 2

baglamukhi kavach in hindi and sanskrit part 3

baglamukhi kavach in hindi and sanskrit part 4

baglamukhi kavach in hindi and sanskrit part 4

baglamukhi kavach in hindi and sanskrit part 5

baglamukhi kavach in hindi and sanskrit part 6

Baglamukhi Kavach Benefits in English

Every baglamukhi sadhak (upasak) should chant this baglamukhi kavach everday before starting his mantra jaap. If possible please do this kavach three times a day morning, afternoon and evening. This kavach is taken from Vishvasarodhaar Tantra. Lord shiva said to Devi Parvati that Devi Baglamukhi destroys enemies of a sadhak like a fire destroys the complete forest. She is giver of Empire (kindom) & Salvation ( Moksha – Mukti). There are so many benefits of reciting this kavach which are given in this kavach itself. By reciting this kavach one gets a courageous son which lives for 100 years.

For baglamukhi mantra diksha and sadhana guidance email to shaktisadhna@yahoo.com , sumitgirdharwal@yahoo.com or call us on 9540674788 , 9917325788 , 9410030994

Those who have not taken baglamukhi diksha and not able to chant this kavach they can wear kavach on their hand or neck. Baglamukhi Kavach Price ( Cost ) is  Rs 2100/=  Those who are affected with spirits (ghosts) and black magic they should wear baglamukhi pratyangira kavach ( Baglamukhi Pratyangira Kavach Price ( Cost ) is Rs 5100/= ) and should also take diksha of devi baglmukhi and pratyangira.

Those who want to learn different sadhanas & want to take diksha (mantra initiation) please send us the below details to sumitgirdharwal@yahoo.com /  shaktisadhna@yahoo.com

1. Your name with gotra

2. Your parents name

3. Your latest photograph

4. Your current living address

5. Your date of birth, time & place

6. Rs 5100/ or (USD 101/= For those who are living abroad)

Baglamukhi Pratyangira Kavach to destroy enemy and to remove black magic बगलामुखी प्रत्यंगिरा कवच

Baglamukhi Pratyangira Kavach in Hindi & Sanskrit बगलामुखी  प्रत्यंगिरा कवच

pitambara

Baglamukhi Pratyangira Kavach in Hindi

इस कवच के पाठ से वायु भी स्थिर हो जाती है। शत्रु का विलय हो जाता है। विद्वेषण, आकर्षण, उच्चाटन, मारण तथा शत्रु का स्तम्भन भी इस कवच के पढ़ने से होता है। बगला प्रत्यंगिरा सर्व दुष्टों का नाश करने वाली, सभी दुःखो को हरने वाली, पापों का नाश करने वाली, सभी शरणागतों का हित करने वाली, भोग, मोक्ष, राज्य और सौभाग्य प्रदायिनी तथा नवग्रहों के दोषों को दूर करने वाली हैं। जो साधक इस कवच का पाठ तीनों समय अथवा एक समय भी स्थिर मन से करता है, उसके लिए यह कल्पवृक्ष के समान है और तीनों लोकों में उसके लिए कुछ भी दुर्लभ नहीं है। साधक जिसकी ओर भरपूर दृष्टि से देख ले, अथवा हाथ से किसी को छू भर दे, वही मनुष्य दासतुल्य हो जाता है।

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इस कवच के पाठ से भयंकर से भयंकर तंत्र प्रयोग को भी नष्ट किया जा सकता है लेकिन इसका पाठ केवल बगलामुखी में दीक्षित साधक ही कर सकते हैं। बिना गुरू आज्ञा के इसका पाठ नही करना चाहिए। बगलामुखी साधना से सम्बंधित अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें –   ईमेल shaktisadhna@yahoo.com  फ़ोन  – 9540674788 , 9410030994

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विनियोग : – अस्य श्री बगला प्रत्यंगिरा मंत्रस्य नारद ऋषि स्त्रिष्टुप छन्दः प्रत्यंगिरा ह्लीं बीजं हूं शक्तिः ह्रीं कीलकं ह्लीं ह्लीं ह्लीं ह्लीं प्रत्यंगिरा
मम शत्रु विनाशे विनियोगः ।

मंत्र : ओम् प्रत्यंगिरायै नमः प्रत्यंगिरे सकल कामान् साधय: मम रक्षां कुरू कुरू सर्वान शत्रुन् खादय-खादय, मारय-मारय, घातय-घातय ॐ ह्रीं फट् स्वाहा।

बगला प्रत्यंगिरा कवच (Baglamukhi Pratyangira Kavach in Hindi)

ॐ भ्रामरी स्तम्भिनी देवी क्षोभिणी मोहनी तथा ।

संहारिणी द्राविणी च जृम्भणी रौद्ररूपिणी ।।

इत्यष्टौ शक्तयो देवि शत्रु पक्षे नियोजताः ।

धारयेत कण्ठदेशे च सर्व शत्रु विनाशिनी ।।

ॐ ह्रीं भ्रामरी सर्व शत्रून् भ्रामय भ्रामय ॐ ह्रीं स्वाहा ।

ॐ ह्रीं स्तम्भिनी मम शत्रून् स्तम्भय स्तम्भय ॐ ह्रीं स्वाहा ।

ॐ ह्रीं क्षोभिणी मम शत्रून् क्षोभय क्षोभय ॐ ह्रीं स्वाहा ।

ॐ ह्रीं मोहिनी मम शत्रून् मोहय मोहय ॐ ह्रीं स्वाहा ।

ॐ ह्रीं संहारिणी मम शत्रून् संहारय संहारय ॐ ह्रीं स्वाहा ।

ॐ ह्रीं द्राविणी मम शत्रून् द्रावय द्रावय ॐ ह्रीं स्वाहा ।

ॐ ह्रीं जृम्भणी मम शत्रून् जृम्भय जृम्भय ॐ ह्रीं स्वाहा ।

ॐ ह्रीं रौद्रि मम शत्रून् सन्तापय सन्तापय ॐ ह्रीं स्वाहा ।

( इति श्री रूद्रयामले शिवपार्वति सम्वादे बगला प्रत्यंगिरा कवचम् )

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Baglamukhi Pratyangira Kavach in Hindi Pdf Free Download Secret and Powerful Tantra

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Baglamukhi Pratyangira kavach in Hindi Free Download Part2

Baglamukhi Pratyangira kavach in Hindi Free Download Part3

Baglamukhi Pratyangira Kavach Beneifts in English

The recitation of baglamukhi pratyangira kavach (armor) can stall even the wind, enemies get destroyed. Baglamukhi Pratyangira kavach can bring any attempt of the enemy to a still. This kavacham destroys all the enemies, ends all sorrows & sins, mitigates the ill-effects of the planetary positions in horoscope, protects the devotees and bestows wealth, kingdom (fame) & fortune. This kavacham is like a wish-fulfilling tree to the devotee who chants this kavacham three times a day or at least once daily with concentration, there is nothing unattainable for him. Any person, who is touched by the devotee or even glanced by him, becomes a slave to the devotee.

This kavach protects from bhoot pret badha (evil spirits or ghost).

This amour destroys even the most invincible spells cast by enemies. But, this should be chanted only after obtaining the deeksha and initiation from a preceptor (Guru).

viniyoga : – asya śrī bagalā pratyaṃgirā maṃtrasya nārada ṛṣi striṣṭupa chandaḥ pratyaṃgirā hlīṃ bījaṃ hūṃ śaktiḥ hrīṃ kīlakaṃ hlīṃ hlīṃ hlīṃ hlīṃ pratyaṃgirā

mama śatru vināśe viniyogaḥ ।

maṃtra : om pratyaṃgirāyai namaḥ pratyaṃgire sakala kāmān sādhaya: mama rakṣāṃ kurū kurū sarvāna śatrun khādaya-khādaya, māraya-māraya, ghātaya-ghātaya oṃ hrīṃ phaṭ svāhā।

Baglamukhi Pratyangira Kavach in English (IAST)

oṃ bhrāmarī stambhinī devī kṣobhiṇī mohanī tathā ।
saṃhāriṇī drāviṇī ca jṛmbhaṇī raudrarūpiṇī ।।
ityaṣṭau śaktayo devi śatru pakṣe niyojatāḥ ।
dhārayeta kaṇṭhadeśe ca sarva śatru vināśinī ।।
oṃ hrīṃ bhrāmarī sarva śatrūn bhrāmaya bhrāmaya oṃ hrīṃ svāhā ।
oṃ hrīṃ stambhinī mama śatrūn stambhaya stambhaya oṃ hrīṃ svāhā ।
oṃ hrīṃ kṣobhiṇī mama śatrūn kṣobhaya kṣobhaya oṃ hrīṃ svāhā ।
oṃ hrīṃ mohinī mama śatrūn mohaya mohaya oṃ hrīṃ svāhā ।
oṃ hrīṃ saṃhāriṇī mama śatrūn saṃhāraya saṃhāraya oṃ hrīṃ svāhā ।
oṃ hrīṃ drāviṇī mama śatrūn drāvaya drāvaya oṃ hrīṃ svāhā ।
oṃ hrīṃ jṛmbhaṇī mama śatrūn jṛmbhaya jṛmbhaya oṃ hrīṃ svāhā ।
oṃ hrīṃ raudri mama śatrūn santāpaya santāpaya oṃ hrīṃ svāhā ।

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Bhagwati Baglamukhi Pitambara Sarva Jana Vashikaran Mantra in Hindi and English भगवती बगलामुखी सर्वजन वशीकरण मंत्र

Bhagwati Baglamukhi Pitambara Sarva Jana Vashikaran Mantra in Hindi and English भगवती बगलामुखी सर्वजन वशीकरण मंत्र

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मां बगलामुखी को सामान्यतः सभी लोग शत्रुओं का नाश करने वाली, उनकी गति, मति, बुद्धि का स्तम्भन करने वाली, मुकदमे एवं चुनाव आदि में विजय दिलाने वाली शक्ति के रूप में जानते हैं। लेकिन यह बात केवल कुछ ही लोग जानते हैं कि वे जगत का वशीकरण भी करने वाली हैं। यदि उनकी कृपा प्राप्त हो जाये तो साधक की ओर सभी आकर्षित होने लगते हैं, वह जंहा बोलता है, वंही उसे सुनने को जन समूह उमड़ पड़ता है। उसका दायरा बहुत व्यापक हो जाता है। कोई भी स्त्री, पुरूष, बच्चा उसके आकर्षण में ऐसा बंध जाता है कि अपनी सुध-बुध खो बैठता है और वही करने के लिए विवश हो जाता है, जो साधक चाहता है।
इस साधन को करने के लिए अति गोपनीय मंत्र का उल्लेख मैं यंहा साधकों के लिए कर रहा हॅू, लेकिन साधक सदैव स्मरण रखें कि ऐसी साधनाओं का दुष्प्रयोग कभी नहीं करना चाहिए अन्यथा साधक की साधना क्षीण होने लगती है। मंत्र का प्रयोग सदैव समाज कल्याण के लिए करना चाहिए, न कि समाज-विरोधी गतिविधियों के लिए ।
सर्वप्रथम भगवती बगलामुखी की मंत्र दीक्षा ग्रहण करें उसके पश्चात गुरू आज्ञानुसार साधना करें

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Ma Baglamukhi Bhakt Mandaar Mantra For Money, Wealth & Success in life

Ma Baglamukhi Unnisakshara Mantra Sadhana Vidhi (Pitambara Bhakt Mandaar Mantra for Money, Prosperity & Wealth)  ( धन प्राप्ति के लिए बगलामुखी भक्त मंदार मंत्र )

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Baglamukhi Bhakt Mandaar Mantra Benefits (बगलामुखी भक्त मंदार मंत्र जप के लाभ )

भगवती बगलामुखी की उपासना कलियुग में सभी कष्टों एवं दुखों से मुक्ति प्रदान करने वाली है। संसार में कोई कष्ट अथवा दुख ऐसा नही है जो भगवती पीताम्बरा की सेवा एवं उपासना से दूर ना हो सकता हो, बस साधकों को चाहिए कि धैर्य पूर्वक प्रतिक्षण भगवती की सेवा करते रहें।

भगवती बगलामुखी का यह भक्त मंदार मंत्र साधकों की हर मनोकामनां पूर्णं करने वाला है। इस मंत्र का विशेष प्रभाव यह है कि इसे करने वाले साधक को कभी भी धन का अभाव नही होता। भगवती की कृपा से वह सभी प्रकार की धन सम्पत्ति का स्वामी बन जाता है।  आज के युग में धन के अभाव में व्यक्ति का कोई भी कार्य पूर्ण नही होता। धन का अभाव होने पर ना ही उसका कोई मित्र होता है और ना ही समाज में उसे सम्मान प्राप्त होता है। इस मंत्र के प्रभाव से धीरे-धीरे साधक को अपने सभी कार्यो में सफलता मिलनी प्रारम्भ  हो जाती है एवं धन का आगमन होना प्रारम्भ हो जाता है।

ऐसा भी देखने में आता है कि कुछ लोग धन तो बहुत अधिक कमातें हैं लेकिन उनके पास बचता कुछ भी नही है, बिना वजह उनके धन का नाश होता है। ऐसे लोगो की जब हम कुण्डली देखते हैं तो षष्ठ(कर्ज) एवं द्वादश (व्यय) भाव शुभ ग्रहों द्वारा प्रभावित होते हैं अथवा एकादश (लाभ) भाव का स्वामी द्वादश (व्यय) भाव में अथवा द्वादश भाव के स्वामी के प्रभाव में होता है, जिस कारण वो जितना भी धन कमाते हैं उतना ही किसी ना किसी रूप में व्यय हो जाता है।

भगवती पीताम्बरा इस सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड को चलाने वाली शक्ति हैं। नवग्रहों को भगवती के द्वारा ही विभिन्न कार्य सौपे गये हैं जिनका वो पालन करते हैं। नवग्रह स्वयं भगवती की सेवा में सदैव उपस्थित रहते हैं। जब साधक भगवती की उपसना करता है तो उसे नवग्रहों की विशेष कृपा प्राप्त होती है। यदि साधक को उसके कर्मानुसार कहीं पर दण्ड भी मिलना होता है तो वह दण्ड भी भगवती की कृपा से न्यून हो जाता है एवं जगदम्बा अपने प्रिय भक्त को इतना साहस प्रदान करती हैं कि वह दण्ड साधक को प्रभवित नही कर पाता। इस सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड में कोई भी इतना शक्तिवान नही है जो जगदम्बा कें भक्तो का एक बाल भी बांका कर सके। कहने का तात्पर्य यह है कि कारण चाहें कुछ भी हो भगवती बगलामुखी की उपासना आपको किसी भी प्रकार की समस्या से मुक्त करा सकती है।

मां की कृपा को वही जान पाया है जो उनकी शरण में गया है, इसीलिए अपने शब्दों को यही पर विराम देते हुए मां भगवती से प्रार्थना करता हूं कि आप सभी को भगवती अपनी शरण प्रदान करें एवं आपका कल्याण करे।

जो लोग देवी बगलामुखी की उपासना करना चाहते हैं उन्हें सबसे पहले मंत्र दीक्षा अवश्य लेनी चाहिए।

बगलामुखी भक्त मंदार मंत्र – श्रीं ह्रीं ऐं भगवती बगले मे श्रियम देहि देहि स्वाहा

माँ बगलामुखी साधना एवं पूजा से सम्बंधित अधिक जानकारी के लिए गुरुदेव श्री योगेश्वरानंद जी से संपर्क करें – 9917325788 or 9410030994

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English Translation of Baglamukhi Mantra For Success

Baglamukhi Bhakt Mandaar mantra is most powerful mantra for money, prosperity, wealth and success in life.  It is said that if a sadhak complete this mantra sadhana under the guidance of a guru after taking initiation ( mantra diksha )  then he never face any money related problem in his entire life and he becomes more prosper and wealthy day by date.

This mantra not only help people who are under debt but it also provid positive energy. Once you start chanting this mantra you will be more energetic and you will see a lot of enthusiasm in your life. People who have bad effect of planets due to placement in negative houses like 6th, 8th and 12th they also receive very positive vibrations and the negativity start reducing as soon as u proceed further in mantra japam.

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For Ma Baglamukhi Mantra Diksha & Sadhana Guidance email to sumitgirdharwal@yahoo.com, shaktisadhna@yahoo.com or call us on 9410030994 (Sri Yogeshwaranand Ji ) 9540674788  (Sumit Girdharwal)

Why only baglamukhi mantra for money?

This baglamukhi mantra sadhana for money is most powerful. It is said that if a sadhak complete this sadhana under the guidance of a guru then he never face any money problem in his entire life. There are so many benefits of baglamukhi mantra sadhana for money.

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Baglamukhi Bhakt Mandar Mantra for Money, Wealth and Prosperity Audio/Video Mp3 from Youtube

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