Ma Baglamukhi Bhakt Mandaar Mantra For Money, Wealth & Success in life

Ma Baglamukhi Unnisakshara Mantra Sadhana Vidhi (Pitambara Bhakt Mandaar Mantra for Money, Prosperity & Wealth)  ( धन प्राप्ति के लिए बगलामुखी भक्त मंदार मंत्र )

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Baglamukhi Bhakt Mandaar Mantra Benefits (बगलामुखी भक्त मंदार मंत्र जप के लाभ )

भगवती बगलामुखी की उपासना कलियुग में सभी कष्टों एवं दुखों से मुक्ति प्रदान करने वाली है। संसार में कोई कष्ट अथवा दुख ऐसा नही है जो भगवती पीताम्बरा की सेवा एवं उपासना से दूर ना हो सकता हो, बस साधकों को चाहिए कि धैर्य पूर्वक प्रतिक्षण भगवती की सेवा करते रहें।

भगवती बगलामुखी का यह भक्त मंदार मंत्र साधकों की हर मनोकामनां पूर्णं करने वाला है। इस मंत्र का विशेष प्रभाव यह है कि इसे करने वाले साधक को कभी भी धन का अभाव नही होता। भगवती की कृपा से वह सभी प्रकार की धन सम्पत्ति का स्वामी बन जाता है।  आज के युग में धन के अभाव में व्यक्ति का कोई भी कार्य पूर्ण नही होता। धन का अभाव होने पर ना ही उसका कोई मित्र होता है और ना ही समाज में उसे सम्मान प्राप्त होता है। इस मंत्र के प्रभाव से धीरे-धीरे साधक को अपने सभी कार्यो में सफलता मिलनी प्रारम्भ  हो जाती है एवं धन का आगमन होना प्रारम्भ हो जाता है।

ऐसा भी देखने में आता है कि कुछ लोग धन तो बहुत अधिक कमातें हैं लेकिन उनके पास बचता कुछ भी नही है, बिना वजह उनके धन का नाश होता है। ऐसे लोगो की जब हम कुण्डली देखते हैं तो षष्ठ(कर्ज) एवं द्वादश (व्यय) भाव शुभ ग्रहों द्वारा प्रभावित होते हैं अथवा एकादश (लाभ) भाव का स्वामी द्वादश (व्यय) भाव में अथवा द्वादश भाव के स्वामी के प्रभाव में होता है, जिस कारण वो जितना भी धन कमाते हैं उतना ही किसी ना किसी रूप में व्यय हो जाता है।

भगवती पीताम्बरा इस सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड को चलाने वाली शक्ति हैं। नवग्रहों को भगवती के द्वारा ही विभिन्न कार्य सौपे गये हैं जिनका वो पालन करते हैं। नवग्रह स्वयं भगवती की सेवा में सदैव उपस्थित रहते हैं। जब साधक भगवती की उपसना करता है तो उसे नवग्रहों की विशेष कृपा प्राप्त होती है। यदि साधक को उसके कर्मानुसार कहीं पर दण्ड भी मिलना होता है तो वह दण्ड भी भगवती की कृपा से न्यून हो जाता है एवं जगदम्बा अपने प्रिय भक्त को इतना साहस प्रदान करती हैं कि वह दण्ड साधक को प्रभवित नही कर पाता। इस सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड में कोई भी इतना शक्तिवान नही है जो जगदम्बा कें भक्तो का एक बाल भी बांका कर सके। कहने का तात्पर्य यह है कि कारण चाहें कुछ भी हो भगवती बगलामुखी की उपासना आपको किसी भी प्रकार की समस्या से मुक्त करा सकती है।

मां की कृपा को वही जान पाया है जो उनकी शरण में गया है, इसीलिए अपने शब्दों को यही पर विराम देते हुए मां भगवती से प्रार्थना करता हूं कि आप सभी को भगवती अपनी शरण प्रदान करें एवं आपका कल्याण करे।

जो लोग देवी बगलामुखी की उपासना करना चाहते हैं उन्हें सबसे पहले मंत्र दीक्षा अवश्य लेनी चाहिए।

बगलामुखी भक्त मंदार मंत्र – श्रीं ह्रीं ऐं भगवती बगले मे श्रियम देहि देहि स्वाहा

माँ बगलामुखी साधना एवं पूजा से सम्बंधित अधिक जानकारी के लिए गुरुदेव श्री योगेश्वरानंद जी से संपर्क करें – 9917325788 or 9410030994

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English Translation of Baglamukhi Mantra For Success

Baglamukhi Bhakt Mandaar mantra is most powerful mantra for money, prosperity, wealth and success in life.  It is said that if a sadhak complete this mantra sadhana under the guidance of a guru after taking initiation ( mantra diksha )  then he never face any money related problem in his entire life and he becomes more prosper and wealthy day by date.

This mantra not only help people who are under debt but it also provid positive energy. Once you start chanting this mantra you will be more energetic and you will see a lot of enthusiasm in your life. People who have bad effect of planets due to placement in negative houses like 6th, 8th and 12th they also receive very positive vibrations and the negativity start reducing as soon as u proceed further in mantra japam.

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For Ma Baglamukhi Mantra Diksha & Sadhana Guidance email to sumitgirdharwal@yahoo.com, shaktisadhna@yahoo.com or call us on 9410030994 (Sri Yogeshwaranand Ji ) 9540674788  (Sumit Girdharwal)

Why only baglamukhi mantra for money?

This baglamukhi mantra sadhana for money is most powerful. It is said that if a sadhak complete this sadhana under the guidance of a guru then he never face any money problem in his entire life. There are so many benefits of baglamukhi mantra sadhana for money.

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Baglamukhi Bhakt Mandar Mantra for Money, Wealth and Prosperity Audio/Video Mp3 from Youtube

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Pitambara Baglamukhi Ashtakshari Mantra Sadhana Evam Siddhi in Hindi ( Sarva Karya Siddhi Ma Baglamukhi Mantra )

Pitambara Baglamukhi Ashtakshari Mantra Sadhana Evam Siddhi in Hindi ( Sarva Karya Siddhi Ma Baglamukhi Mantra ) Devi Pitambara Peeth Photo

 

।। भगवती पीताम्बरा के अष्टाक्षर मंत्र का महात्म्य ।।

भगवती बगलामुखी (पीताम्बरा ) के इस मंत्र का अनुष्ठान चतुराक्षर मंत्र के अनुष्ठान के बाद किया जाता हैा भगवती का यह मंत्र बहुत ही प्रभावशाली एवं चमत्कारी हैा इसकी महिमा को बताने के लिए अपने एक शिष्य के अनुभव को यहां लिख रहा हूं – मेरे एक शिष्य को बहुत प्रयास करने के बाद भी कहीं कोई नौकरी नही मिल रही थी। बहुत अच्छी डिग्रियां हाने के बाद भी सभी जगह से उसे निराशा ही हाथ लग रही थी। तब मैनें उसे इस मंत्र का एक अनुष्ठान करने को कहा । उसने विधिवत अनुष्ठान शुरू किया और एक सप्ताह बाद ही उसका बहुत बड़ी कम्पनी में चयन हो गया। यह तो बस एक छोटा सा अनुभव है। इसके अलावा ऐसे बहुत सारे लोग हैं जिन्हें प्रेत बाधा, शत्रु बाधा, नौकरी, पारिवार में कलह, व्यवसाय में असफलता, विवाह, संतान ना होना, आदि समस्याओं में ऐसे परिणाम मिले हैं कि कोई साधारण मनुष्य तो विश्वास भी नही करेगा। साधको के हितार्थ भगवती के अष्ठाक्षर मंत्र का विधान दे रहा हूं – (कृपया दीक्षित साधक ही इसका जप करें। जिनकी दीक्षा नही हुई है वो सबसे पहले दीक्षा ग्रहण करें )

Importance of Baglamukhi (Pitambara) Ashtakshara Mantra

Anusthaan of Baglamukhi Ashtakshara Mantra is done after Chaturakshara Mantra. This mantra of ma baglamukhi is said to be very effective and powerful. To explain its importance i am giving you experience of one of my disciple. One of my disciple was jobless and after trying hard he was not getting any job. He was well qualified still could not get success. I asked him to do one anusthan of baglamukhi asthakshara mantra. He started as per my instruction and you won’t believe that just after one week he got selected in one of the best mnc. It is one of the example. There were lots of other people who were affected by black magic and were facing other problems in their Jobs, career, family etc and they got immense success after this mantra. Here i am giving you detailed information about baglamukhi ashtakshara mantra. (Only Baglamukhi Dikshit (initiated in baglamukhi) can do chanting of this mantra. If you are not initiated then first get initiated in baglamukhi mantra)

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Baglamukhi Chaturakshara Mantra Evam Pooja Vidhi in Hindi Pdf बगलामुखी (पीताम्बरा) चतुरक्षर मंत्र

Baglamukhi Chaturakshara Mantra Evam Puja Vidhi in Hindi Pdf माँ बगलामुखी (पीताम्बरा) चतुरक्षर मंत्र

भगवती बगलामुखी (पीताम्बरा) के इस मंत्र का अनुष्ठान बीज मंत्र  ( हल्रीं )  के अनुष्ठान के बाद किया जाता हैा ऐसा देखा गया है कि बीज मंत्र का अनुष्ठान तो साधक बिना किसी समस्या के कर लेते हैं, लेकिन चतुरक्षर के अनुष्ठान में उन्हें थोड़ी समस्या का सामना करना पड़ता है। समस्या से यहां तात्पर्य भगवती द्वारा ली जाने वाली परीक्षा से है। इस मंत्र में कई बार ऐसी परिस्थिति पैदा हो जाती है कि आपका अनुष्ठान बीच में ही छूट जाये, जैसे कहीं अचानक बाहर जाना पड़ जाये अथवा किसी काम में इतनी अधिक व्यस्तता हो जाये कि उस दिन के निर्धारित जप करने का समय ना मिले इत्यादि, लेकिन साधको को किसी भी परिस्थिति में किसी भी दिन जप नही छोड़ना है । यदि किसी कारण वश बाहर जाना भी पड़ भी जाये तो वही पर जाकर अपना जप पूर्ण करें एवं भगवती से क्षमा प्रार्थना करें । यदि आपने यह अनुष्ठान एक बार पूर्ण कर लिया तो भगवती की कृपा को प्राप्त करने से आपको कोई नही रोक सकता । भगवती पर विश्वास रखें एवं नियमित रूप से अपना जप करते रहें, आपको सफलता अवश्य मिलेगी ।

Baglamukhi Chaturakshara Mantra Pooja Vidhi in English

Anusthaan of Baglamukhi Chaturakshara Mantra is done after completing anusthaan of Baglamukhi Beej Mantra “HLREEM”. We have seen that sadhak easily completes  baglamukhi beej mantra anusthaan but they face difficulty while doing chaturakshara mantra anusthaan. Here difficulty means that ma baglamukhi takes exam of the sadhak during anusthaan. Sometime Devi baglamukhi will create a situation where you will not be able to do mantra jaap on a particular day. It could be due to your busy schedule or you may have to go out station for some work but remember that ma baglamukhi is taking your exam and you have to pass it to get her blessings. In any situation you have to complete your decided mantra jaap for each day. For example if you have taken sankalpa to do 125000 mantras (1250 Malas) in 21 days then you have to do 60 Malas (Rosary) per day. As per the rule of the anusthaan you can not leave your pooja any single day nor you can decrease the number of Malas (Rosary). Everyday you have to do 60 malas in any situation. So sadhak should complete these mantra jaap everyday. In any case if you are out of station then you should apologize in front ma and you should complete your mantra jaap at that location. Once you complete this anusthaan that no body can stop you to take blessings of ma baglamukhi. Have faith on Ma and continue your pooja everyday, you will definitely get the success.

Benefits of Devi Baglamukhi Puja

  • To win court cases (If you are victim of false court cases.)
  • To remove black magic / bhoot-pret/upri badha
  • To win enemies
  • To create happiness in family.
  • To remove graha dosha/ remove malefic effects of plantes.
  • To

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Baglamukhi Beej Mantra ( बगलामुखी बीज मंत्र )

Baglamukhi Beej Mantra Evam Puja Sadhna Vidhi (बगलामुखी बीज मंत्र साधना विधि )

Devi Baglamukhi Pitambara

( Baglamukhi Beej Mantra ) भगवती बगलामुखी ( पीताम्बरा )  के इस मंत्र को महामंत्र के नाम से जाना जाता हैा ऐसा कहा जाता है कि भगवती बगलामुखी की उपासना करने वाले साधक के सभी कार्य बिना व्यक्त किये ही पूर्ण हो जाते हैं और जीवन की हर बाधा को वो हंसते हंसते पार कर जाते हैं।  मैनें स्वयं अपने जीवन में अनेको चमत्कार देखें हैं, जिनको सुनकर कोई भी विश्वास नही करेगा लेकिन भगवती पीताम्बरा अपने भक्तों के ऊपर ऐसे ही कृपा करती हैं।  ऐसे बहुत से साधक आज हमसे जुड़े हैं जो बगलामुखी साधना को प्रारंभ करने से पहले अपने जीवन की तकलीफों के कारण आत्महत्या का प्रयास कर चुके थे लेकिन इस साधना को प्रारंभ करने के बाद आज उन लोगो का जीवन पूर्ण रूप से बदल चुका है। जब तक व्यक्ति इस संसार में रहता है कुछ न कुछ दुःख अथवा परेशानी जीवन में आती जाती रहती है लेकिन जब व्यक्ति माँ पीताम्बरा की शरण में होता है तो वो दुःख अथवा परेशानी उसके जीवन में कब आती है और कब चली जाती है इसका उसे एहसास भी नहीं होता।  

बगलामुखी साधना से सम्बंधित अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए हमें संपर्क करें – 9917325788 ( श्री योगेश्वरानंद जी ) , 9540674788 ( सुमित गिरधरवाल )।  ईमेल करें – shaktisadhna@yahoo.com

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माँ पीताम्बरा का बीज मंत्र ह्ल्रीं  है। बीज मंत्र को  एकाक्षर मंत्र भी कहते हैं क्योंकि यह एक अक्षर  ( one syllable ) का है। माँ पीताम्बरा की साधना इसी बीज मंत्र से प्रारम्भ होती है।  बीज मंत्र की दीक्षा गुरुदेव से लेकर इसका सवा लक्ष जप करना चहिये एवं उसके पश्चात  बीज मंत्र का नियमित रूप से कम से कम 11 अथवा 21 माला का जप अवश्य करना चाहिए,  क्योंकि  बीज मंत्र में ही देवता के प्राण होते हैं।  जिस प्रकार बीज के बिना वृक्ष की कल्पना नही की जा सकती उसी तरह बीज मंत्र के जप के बिना साधना में सफलता के बारे में सोचना भी व्यर्थ है। इसके जप के बिना माँ पीताम्बरा की साधना पूर्ण नही होती। 

भगवती की सेवा केवल मंत्र जप से ही नही होती है बल्कि उनके नाम का गुणगान करने से भी होती है । जिस प्रकार नारद ऋषि हर पल भगवान विष्णु का नाम जपते थे, उसी प्रकार सुधी साधको को माँ पीताम्बरा का नाम जप हर पल करना चाहिए एवं अन्य लोगो को भी उनके नाम की महिमा के बारे में बताना चाहिए । मैंने  अपने जीवन का केवल एक ही उद्देश्य बनाया है कि माँ पीताम्बरा के नाम को हर व्यक्ति तक पहुंचाना हैा आप सब भी यदि माँ की कृपा प्राप्त करना चाहते हैं तो आज से ही भगवती के एकाक्षरी मंत्र को अपने जीवन में उतार लीजिए एवं माँ के नाम एवं उनकी महिमा का अधिक से अधिक प्रचार करना शुरू कर दीजिए। साधको के हितार्थ भगवती के बीज मंत्र की जानकारी यहां दे रहा हूँ, भगवती पीताम्बरा आप सब पर कृपा करें ।   (चेतावनी – बिना मंत्र दीक्षा के भगवती बगलामुखी के मंत्रों का जप नहीं करना चाहिए।)

बगलामुखी साधना सामग्री 

हल्दी माला, बगलामुखी यंत्र, माँ बगलामुखी का चित्र अथवा कोई मूर्ति

साधना विधि ( माँ बगलामुखी पूजा कैसे करें ) ( ma baglamukhi puja kaise kare )

इसकी साधना रात्रि में 10 से 3 बजे के बीच करें। पीले रंग के कपड़े पहनकर पीले रंग का आसान बिछा उस पर बैठ जायें। सबसे पहले आचमन करें।  इसके पश्चात दीपक जलाएं। दीपक आप गाय के घी का , सरसो के तेल का , अथवा तिल के तेल का जला सकते हैं। फिर गुरु का ध्यान करके गुरु मंत्र का कम से कम एक माला जप करें।  उसके पश्चात गणेश जी का ध्यान करके साधना में सफलता के लिए उनसे प्रार्थना करें । “ॐ गं गणपतये नमः ”  इस मंत्र का कम से कम 11 बार जप करें।  इसके पश्चात भगवान भैरव का ध्यान करें एवं उनसे माँ बगलामुखी साधना की आज्ञा मांगे।  माँ बगलामुखी का ध्यान करें। उनको पीला प्रसाद जैसे बादाम , किशमिश , बेसन की बनी कोई मिठाई , कोई भी फल अर्पित करें ।  बगलामुखी कवच का पाठ करें। बगलामुखी बीज मंत्र का हल्दी की माला पर कम से कम 1 माला का जप करें। इसके पश्चात बगलामुखी बीज मंत्र का पाठ करें। इसके पश्चात १ माला मृत्युंजय मंत्र का जप करें

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बगलामुखी ध्यान 
वादी मूकति रंकति क्षितिपतिर्वैश्वानरः शीतति।
क्रोधी शान्तति दुर्जनः सुजनति क्षिप्रानुगः खंजति।।
गर्वी खवर्ति सर्व विच्च जडति त्वद् यन्त्राणा यंत्रितः।
श्रीनित्ये बगलामुखि! प्रतिदिनं कल्याणि! तुभ्यं नमः।।

विनियोगः – ॐ अस्य एकाक्षरी बगला मंत्रस्य ब्रह्म ऋषिः, गायत्री छन्दः, बगलामुखी देवताः, लं बीजं, ह्रीं शक्ति, ईं कीलकं, मम सर्वार्थ सिद्धयर्थे जपे विनियोगः।

बगलामुखी बीज मंत्र –  ह्ल्रीं

ऋष्यादिन्यासः-
ॐ ओम् ब्रह्म ऋषये नमः षिरसि।
ॐ गायत्री छंदसे नमः मुखे।
ॐ श्री बगलामुखी देवतायै नमः हृदि।
ॐ लं बीजाय नमः गुहये ।
ॐ ह्रीं शक्तये नमः पादयोः।
ॐ ईं कीलकाय नमः सर्वांगे।
ॐ श्री बगलामुखी देवताम्बा प्रीत्यर्थे जपे विनियोगाय नमः अंजलौ।

षडंगन्यासः 
ॐ ह्-ल्रां हृदयाय नमः।
ॐ ह्-ल्रीं शिरसे स्वाहा।
ॐ ह्-ल्रूं शिखायै वषट्।
ॐ ह्-ल्रैं कवचाय हूं।
ॐ ह्-ल्रौं नेत्र-त्रयाय वौषट्।
ॐ ह्-ल्रः अस्त्राय फट्।

करन्यासः
ॐ ह्-ल्रां अंगुष्ठाभ्यां नमः।
ॐ ह्-ल्रीं तर्जनीभ्यां स्वाहा।
ॐ ह्-ल्रूं मध्यमाभ्यां वषट्।
ॐ ह्-ल्रैं अनामिकाभ्यां हूं।
ॐ ह्-ल्रौं कनिष्ठिकाभ्यां वौषट् ।
ॐ ह्-ल्रः करतल-कर-पृष्ठाभ्यां फट्।

बीज मंत्र का अनुष्ठान

मंत्र जप

सर्वप्रथम बगलामुखी मंत्र की दीक्षा ग्रहण करें।  अनुष्ठान करने से पूर्व अपने गुरुदेव  से आज्ञा अवश्य लेनी चाहिए। उसके पश्चात एक लाख पच्चीस हजार ( 1,25,000  मंत्रो अथवा 1250 माला ) की संख्या में हल्दी की माला पर जप करना चाहिए।

हवन

उसके पश्चात 12,500  मंत्रो अथवा 125 माला से हवन अवश्य करना चाहिए, क्योंकि हवन से देवता  को शक्ति मिलती है और मैंने स्वयं इसका अनुभव किया है कि हवन से माँ की कृपा शीघ्र प्राप्त  होती हैा  जो लोग हवन करने में समर्थ नही हैं उन्हे अपने गुरुदेव से मंत्र जप के पश्चात हवन करने का आग्रह करना चाहिए एवं  उस हवन में सम्मिलित होना चाहिए ।

तर्पण

इसके पश्चात 1250 मंत्रो अथवा 13 माला से तर्पण करना चाहिए । तर्पण करने का मंत्र है – ” ह्ल्रीं तर्पयामि ”  तर्पण करने के  लिए एक बड़ा पात्र ले, जिसमें 1 से 2 लीटर पानी आ जाये।  इस पात्र में सब पहले थोड़ा गंगा जल डालें इसके पश्चात उसमें ऊपर तक पानी भर लें । इसमें थोड़ी हल्दी, शहद, शक्कर, केसर दूध  मिला लेना चहिए ।  जिस प्रकार सुर्यदेव को हाथों से अंजली बनाकर  एवं उसमे जल भरकर अर्घ्य दिया जाता है उसी प्रकार सीधे हाथ से अंजली बनाकर पात्र से जल लेना चाहिए एवं  ” ह्ल्रीं तर्पयामि ”  बोलते हुए उसी पात्र में जल को छोड़  देना चाहिए । तर्पण करते हुए मंत्र जप बाएं हाथ से हल्दी की माला पर करना चाहिए एवं सीधे हाथ से तर्पण करना चाहिए ।

मार्जन

तर्पण के पश्चात 125 मंत्रो अथवा 2 माला  से मार्जन करना चाहिए । मार्जन करने का मंत्र है ” ह्ल्रीं मार्जयामि ” । इसके लिए थोड़ी सी कुशा  लें। एक छोटे से पात्र में गंगा जल लेकर उस कुशा से बगलामुखी यंत्र पर अथवा  मूर्ति पर ” ह्ल्रीं मार्जयामि ”  मंत्र  जपते हुए गंगा जल की छींटे दें । मार्जन भी सीधे हाथ से करना चाहिए एवं  बाएं हाथ से हल्दी की माला पर जप करना चाहिए। यदि कुशा उपलब्ध ना हो तो पीले पुष्प का भी उपयोग किया जा सकता है।

ब्राह्मण भोज ( कन्या भोज )

मार्जन करने पश्चात 11 ब्राह्मणों अथवा 11 कन्याओं को भोजन करना चाहिए।

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बगलामुखी साधना अनुभव

सभी साधकों को साधना में अलग अलग अनुभव होते हैं।

साधना को आरम्भ करने से पूर्व एक साधक को चाहिए कि वह मां भगवती  की उपासना अथवा अन्य किसी भी देवी या देवता की उपासना निष्काम भाव से करे। उपासना का तात्पर्य सेवा से होता है। उपासना के तीन भेद कहे गये हैं:- कायिक अर्थात् शरीर से , वाचिक अर्थात् वाणी से और मानसिक- अर्थात् मन से।  जब हम कायिक का अनुशरण करते हैं तो उसमें पाद्य, अर्घ्य, स्नान, धूप, दीप, नैवेद्य आदि पंचोपचार पूजन अपने देवी देवता का किया जाता है। जब हम वाचिक का प्रयोग करते हैं तो अपने देवी देवता से सम्बन्धित स्तोत्र पाठ आदि किया जाता है अर्थात् अपने मुंह से उसकी कीर्ति का बखान करते हैं। और जब मानसिक क्रिया का अनुसरण करते हैं तो सम्बन्धित देवता का ध्यान और जप आदि किया जाता है।
जो साधक अपने इष्ट देवता का निष्काम भाव से अर्चन करता है और लगातार उसके मंत्र का जप करता हुआ उसी का चिन्तन करता रहता है, तो उसके जितने भी सांसारिक कार्य हैं उन सबका भार मां स्वयं ही उठाती हैं और अन्ततः मोक्ष भी प्रदान करती हैं। यदि आप उनसे पुत्रवत् प्रेम करते हैं तो वे मां के रूप में वात्सल्यमयी होकर आपकी प्रत्येक कामना को उसी प्रकार पूर्ण करती हैं जिस प्रकार एक गाय अपने बछड़े के मोह में कुछ भी करने को तत्पर हो जाती है। अतः सभी साधकों को मेरा निर्देष भी है और उनको परामर्ष भी कि वे साधना चाहे जो भी करें, निष्काम भाव से करें। निष्काम भाव वाले साधक को कभी भी महाभय नहीं सताता। ऐसे साधक के समस्त सांसारिक और पारलौकिक समस्त कार्य स्वयं ही सिद्ध होने लगते हैं उसकी कोई भी किसी भी प्रकार की अभिलाषा अपूर्ण नहीं रहती ।
मेरे पास ऐसे बहुत से लोगों के फोन और मेल आते हैं जो एक क्षण में ही अपने दुखों, कष्टों का त्राण करने के लिए साधना सम्पन्न करना चाहते हैं। उनका उद्देष्य देवता या देवी की उपासना नहीं, उनकी प्रसन्नता नहीं बल्कि उनका एक मात्र उद्देष्य अपनी समस्या से विमुक्त होना होता है। वे लोग नहीं जानते कि जो कष्ट वे उठा रहे हैं, वे अपने पूर्व जन्मों में किये गये पापों के फलस्वरूप उठा रहे हैं। वे लोग अपनी कुण्डली में स्थित ग्रहों को देाष देते हैं, जो कि बिल्कुल गलत परम्परा है। भगवान शिव ने सभी ग्रहों को यह अधिकार दिया है कि वे जातक को इस जीवन में ऐसा निखार दें कि उसके साथ पूर्वजन्मों का कोई भी दोष न रह जाए। इसका लाभ यह होगा कि यदि जातक के साथ कर्मबन्धन शेष नहीं है तो उसे मोक्ष की प्राप्ति हो जाएगी। लेकिन हम इस दण्ड को दण्ड न मानकर ग्रहों का दोष मानते हैं।व्यहार में यह भी आया है कि जो जितनी अधिक साधना, पूजा-पाठ या उपासना करता है, वह व्यक्ति ज्यादा परेशान रहता है। उसका कारण यह है कि जब हम कोई भी उपासना या साधना करना आरम्भ करते हैं तो सम्बन्धित देवी – देवता यह चाहता है कि हम मंत्र जप के द्वारा या अन्य किसी भी मार्ग से बिल्कुल ऐसे साफ-सुुथरे हो जाएं कि हमारे साथ कर्मबन्धन का कोई भी भाग शेष न रह जाए।

यदि आप माँ बगलामुखी साधना के बारे में अधिक जानना चाहते हैं तो नीचे दिये गए लेख पढ़ें –

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