Baglamukhi Chalisa in Hindi बगलामुखी चालीसा

Baglamukhi Chalisa Published by Pitambara Peeth Datia

( पीताम्बरा  पीठ दतिया  से प्रकाशित बगलामुखी चालीसा )

Baglamukhi Chalisa ( बगलामुखी चालीसा )  का पाठ करने के लिए सर्वप्रथम स्नान करके अपने आप को बाह्य रूप से पवित्र कर लें।  इसके  पश्चात पीले  रंग के कपड़े पहनकर  पीले  रंग का आसान बिछायें  और उस पर बैठ जाएँ।  सरसो के तेल का दीपक जलाएं।  सबसे पहले अपने गुरु , गणेश जी एवं भैरव जी का ध्यान करके माँ बगलामुखी का ध्यान करें।  उनको पीले पुष्प अर्पित करें।  पीले प्रसाद का भोग लगाएं।  फिर  भक्ति भाव से बगलामुखी चालीसा का पाठ करें।  चालीसा के बाद 108  बार मृत्युंजय मंत्र – हौं जूं सः  का जप रुद्राक्ष माला से  करें । ध्यान रहे कि बिना मृत्युंजय मंत्र के बगलामुखी साधना अपूर्ण रहती है। इसके पश्चात माँ बगलामुखी को अपनी संपूर्ण पूजा समर्पित करें और आसन से उठ जाएँ। यदि बगलामुखी दीक्षा लेकर आप यह पाठ करते हैं तो इस साधना से तुरंत लाभ मिलता है। हो सके तो बगलामुखी चालीसा के पाठ से पहले बगलामुखी षोडशोपचार पूजन भी करें । बगलामुखी साधना से सम्बंधित अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें –  9540674788 , 9917325788   ईमेल – shaktisadhna@yahoo.com

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श्री बगलामुखी चालीसा

।। श्री गणेशाय नमः।।

नमो महाविद्या बरद, बगलामुखी दयाल।

स्तम्भन क्षण में करे , सुमिरत अरिकुल काल।।

नमो नमो पीताम्बरा भवानी, बगलामुखी नमो कल्यानी |1|

भक्त वत्सला शत्रु नशानी , नमो महाविद्या वरदानी |2|

अमृत सागर बीच तुम्हारा, रत्न जड़ित मणि मंडित प्यारा |3|

स्वर्ण सिंहासन पर आसीना, पीताम्बर अति दिव्य नवीना |4|

स्वर्णाभूषण सुन्दर धारे , सिर पर चन्द्र मुकुट श्रृंगारे |5|

तीन नेत्र दो भुजा मृणाला , धारे मुद्गर पाष कराला |6|

भैरव करें सदा सेवर्काइ , सिद्ध काम सब विघ्न नर्साइ |7|

तुम हताश का निपट सहारा, करे अकिंचन अरिकल धारा |8|

तुम काली तारा भवनेशी , त्रिपुर सुन्दरी भैरवी वेशी |9|

छिन्नभाल धूमा मातंगी, गायत्री तुम बगला रंगी |10|

सकल शक्तियाँ तुम में साजें, ह्लीं बीज के बीज बिराजें |11|

दुष्ट स्तम्भन अरिकुल कीलन, मारण वशीकरण सम्मोहन |12|

दुष्टोच्चाटन कारक माता, अरि जिव्हा कीलक सघाता ।13।

साधक के विपति की त्राता, नमो महामाया प्रख्याता ।14।

मुद्गर शिला लिये अति भारी, प्रेतासन पर किये सवारी ।15।

तीन लोक दस दिशा भवानी, बिचरहु तुम जन हित कल्यानी ।16।

अरि अरिष्ट सोचे जो जन को, बुद्धि नाशकर कीलक तन को ।17।

हाथ पांव बांधहुं तुम ताके, हनहु जीभ बिच मुद्गर बाके ।18।

चोरों का जब संकट आवे, रण में रिपुओं से घिर जावे ।19

अनल अनिल बिप्लव घहरावे, वाद विवाद न निर्णय पावे ।20।

मूठ आदि अभिचारण संकट, राजभीति आपत्ति सन्निकट ।21।

ध्यान करत सब कष्ट नसावे, भूत प्रेत न बाधा आवे ।22।

सुमिरत राजद्वार बंध जावे, सभा बीच स्तम्भवन छावे ।23।

नाग सर्प बृच्श्रिकादि भयंकर, खल विहंग भागहिं सब सत्वर ।24।

सर्व रोग की नाशन हारी, अरिकुल मूलोच्चाटन कारी ।25।

स्त्री पुरुष राज सम्मोहक, नमो नमो पीताम्बर सोहक ।26।

तुमको सदा कुबेर मनावें, श्री समृद्धि सुयश नित गावें ।27।

शक्ति शौर्य की तुम्हीं विधाता, दुःख दारिद्र विनाशक माता ।28।

यश ऐश्वर्य सिद्धि की दाता, शत्रु नाशिनी विजय प्रदाता ।29।

पीताम्बरा नमो कल्यानी, नमो मातु बगला महारानी ।30।

जो तुमको सुमरै चितर्लाइ , योग क्षेम से करो सर्हाइ ।31।

आपत्ति जन की तुरत निवारो, आधि व्याधि संकट सब टारो ।32।

पूजा विधि नहिं जानत तुम्हरी, अर्थ न आखर करहूं निहोरी ।33।

मैं कुपुत्र अति निवल उपाया, हाथ जोड़ षरणागत आया ।34।

जग में केवल तुम्हीं सहारा, सारे संकट करहुँ निवारा ।35।

नमो महादेवी हे माता, पीताम्बरा नमो सुखदाता ।36।

सौम्य रूप धर बनती माता, सुख सम्पत्ति सुयश की दाता ।37।

रौद्र रूप धर षत्रु संहारो, अरि जिव्हा में मुद्गर मारो ।38।

नमो महाविद्या आगारा, आदि शक्ति सुन्दरी आपारा ।39।

अरि भंजक विपत्ति की त्राता, दया करो पीताम्बरी माता ।40।

रिद्धि सिद्धि दाता तुम्हीं, अरि समूल कुल काल।

मेरी सब बाधा हरो, माँ बगले तत्काल।।

Benefits of Baglamukhi Chalisa (बगलामुखी चालीसा पाठ करने के लाभ ) :  माँ बगलामुखी अपने भक्तों की सभी प्रकार से रक्षा करतीं हैं। जो लोग माँ बगलामुखी की उपासना करतें हैं उनके जीवन से कष्ट उसी प्रकार दूर हो जातें हैं जिस प्रकार जंगल में लगी आग सभी वृक्षों को समाप्त कर देती है।  बगलामुखी साधना से सभी प्रकार की नकारात्मक ऊर्जा का नाश हो जाता है। यदि वास्तव में आप अपने जीवन को सफल करना चाहते हैं तो आज ही माँ बगलामुखी की शरण ले लीजिये।

Rules to be followed to do Baglamukhi Chalisa  (बगलामुखी चालीसा पाठ करने के नियम ) : कुछ लोगो के मन में प्रश्न होता है कि क्या हम बिना दीक्षा लिए भी माँ बगलामुखी की चालीसा कर सकते हैं और यदि कर सकते हैं तो इसके नियम क्या क्या हैं। यहाँ आपको स्पष्ट कर देते हैं कि यदि आप दीक्षा लेकर पाठ करते हैं तो इसका प्रभाव बहुत तीव्र होता है लेकिन आप बिना दीक्षा लिए भी पाठ कर सकते हैं। इसके नियम इस प्रकार हैं –

  • आपको बाह्य रूप से एवं आंतरिक रूप से अपने को पवित्र करना है। यदि आपके विचार दूषित हैं , आप किसी अच्छे व्यक्ति का बुरा करना चाह रहे हैं तो माँ कभी भी आपका भला नहीं करेंगी।
  • यदि आपके घर में आपके माता पिता अथवा सास ससुर हैं और उन्हें कोई कष्ट हैं तो सर्वप्रथम आपका कर्त्तव्य उनकी सेवा करना है। उन्हें दुःख में छोड़कर यदि आप माँ की पूजा करने भी बैठेंगे तो आपको दोष लगेगा। इसी प्रकार यदि अपने पड़ोसी से लड़कर उसे गन्दी गन्दी गालियाँ देकर आप माँ की पूजा करके उसे प्रसन्न करने की कोशिश करेंगे तो भी आपको दोष लगेगा। ध्यान रहे माँ को सर्व दुष्टों का नाशक कहा गया है। यदि आप दुष्ट है तो माँ को आपका नाश करने में भी देरी नहीं लगेगी। सभी लोगो को माँ का स्वरुप समझकर ही व्यवहार करें। यदि उसके पश्चात भी कोई व्यक्ति आपके साथ अच्छा व्यवहार नहीं करता है तो माँ से उसको सद्बुद्धि देने की प्रार्थना करें , लेकिन अपने मन में उसके लिए बुरे विचार ना आने दें।
  • यदि आपका आचरण पूर्ण रूप से धर्म के अनुसार है तभी आप माँ पीताम्बरा की उपासना करने के अधिकारी हैं।

यदि आप माँ बगलामुखी साधना के बारे में अधिक जानना चाहते हैं तो नीचे दिये गए लेख पढ़ें –

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यदि आप मंत्र साधना में और अधिक ज्ञान प्राप्त करना चाहते हैं तो गुरुदेव श्री योगेश्वरानंद जी द्वारा लिखित पुस्तकों का अध्ययन अवश्य कीजिये। ये पुस्तकें आप अमेज़न से खरीद सकते हैं –
श्री बगलामुखी तन्त्रम
मंत्र साधना एवं सिद्धि के रहस्य
अनुष्ठानों का रहस्य
आगम रहस्य
श्री कामाख्या रहस्यम
श्री तारा तंत्रम
श्री प्रत्यंगिरा साधना रहस्य
शाबर मंत्र सर्वस्व
यन्त्र साधना दुर्लभ यंत्रो का अनुपम संग्रह
श्री बगलामुखी साधना और सिद्धि
षोडशी महाविद्या श्री महात्रिपुर सुंदरी साधना श्री यंत्र पूजन पद्दति एवं स्तवन
श्री धूमावती साधना और सिद्धि

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Baglamukhi Maha Yantra श्री बगलामुखी यन्त्र

Shri Baglamukhi Maha Yantra

Shri Baglamukhi Maha Yantra is for power, victory and dominance over enemies. Controlling deity of baglamukhi yantra is  Goddess Baglamukhi who is the controller of this powerful occult Baglamukhi Yantra.

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Baglamukhi Maha Yantra Puja Vidhi बगलामुखी यंत्र पूजा विधि

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It helps achieve success in law-suits and competitions as well as pacify quarrels to the worshipper’s advantage.
The worship of this Yantra is performed in a particular star sign and moment when there is maximum power generated by the planet Mars.
The Bagalamukhi Yantra is also effective in warding off evil persons, spirits and Yakshani.

Goddess Bagla helps the almighty god by punishing and controlling those negative powers that try to trespass the natural flow, She controls our speech knowledge and movement. She is capable of giving powers (Siddhis) and fulfilling all the wishes of her devotee like a ‘Kalpa-Taru’.

!!Om Hleem Baglamukhi Sarwdushtanam Wacham Mukham Padam
Stambhay Jihwa Kilay Buddhi Vinashay Hleem Om swaha!!
Bagalamukhi Maha Mantra meaning is as below:-

Oh Goddess, paralyze the speech and feet of all evil people. Pull their tongue, destroy their intellect.

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