Pitambara Baglamukhi Ashtakshari Mantra Sadhana Evam Siddhi in Hindi ( Sarva Karya Siddhi Ma Baglamukhi Mantra )

Pitambara Baglamukhi Ashtakshari Mantra Sadhana Evam Siddhi in Hindi ( Sarva Karya Siddhi Ma Baglamukhi Mantra ) Devi Pitambara Peeth Photo

 

।। भगवती पीताम्बरा के अष्टाक्षर मंत्र का महात्म्य ।।

भगवती बगलामुखी (पीताम्बरा ) के इस मंत्र का अनुष्ठान चतुराक्षर मंत्र के अनुष्ठान के बाद किया जाता हैा भगवती का यह मंत्र बहुत ही प्रभावशाली एवं चमत्कारी हैा इसकी महिमा को बताने के लिए अपने एक शिष्य के अनुभव को यहां लिख रहा हूं – मेरे एक शिष्य को बहुत प्रयास करने के बाद भी कहीं कोई नौकरी नही मिल रही थी। बहुत अच्छी डिग्रियां हाने के बाद भी सभी जगह से उसे निराशा ही हाथ लग रही थी। तब मैनें उसे इस मंत्र का एक अनुष्ठान करने को कहा । उसने विधिवत अनुष्ठान शुरू किया और एक सप्ताह बाद ही उसका बहुत बड़ी कम्पनी में चयन हो गया। यह तो बस एक छोटा सा अनुभव है। इसके अलावा ऐसे बहुत सारे लोग हैं जिन्हें प्रेत बाधा, शत्रु बाधा, नौकरी, पारिवार में कलह, व्यवसाय में असफलता, विवाह, संतान ना होना, आदि समस्याओं में ऐसे परिणाम मिले हैं कि कोई साधारण मनुष्य तो विश्वास भी नही करेगा। साधको के हितार्थ भगवती के अष्ठाक्षर मंत्र का विधान दे रहा हूं – (कृपया दीक्षित साधक ही इसका जप करें। जिनकी दीक्षा नही हुई है वो सबसे पहले दीक्षा ग्रहण करें )

Importance of Baglamukhi (Pitambara) Ashtakshara Mantra

Anusthaan of Baglamukhi Ashtakshara Mantra is done after Chaturakshara Mantra. This mantra of ma baglamukhi is said to be very effective and powerful. To explain its importance i am giving you experience of one of my disciple. One of my disciple was jobless and after trying hard he was not getting any job. He was well qualified still could not get success. I asked him to do one anusthan of baglamukhi asthakshara mantra. He started as per my instruction and you won’t believe that just after one week he got selected in one of the best mnc. It is one of the example. There were lots of other people who were affected by black magic and were facing other problems in their Jobs, career, family etc and they got immense success after this mantra. Here i am giving you detailed information about baglamukhi ashtakshara mantra. (Only Baglamukhi Dikshit (initiated in baglamukhi) can do chanting of this mantra. If you are not initiated then first get initiated in baglamukhi mantra)

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Baglamukhi Chaturakshara Mantra Evam Pooja Vidhi in Hindi Pdf बगलामुखी (पीताम्बरा) चतुरक्षर मंत्र

Baglamukhi Chaturakshara Mantra Evam Puja Vidhi in Hindi Pdf माँ बगलामुखी (पीताम्बरा) चतुरक्षर मंत्र

भगवती बगलामुखी (पीताम्बरा) के इस मंत्र का अनुष्ठान बीज मंत्र  ( हल्रीं )  के अनुष्ठान के बाद किया जाता हैा ऐसा देखा गया है कि बीज मंत्र का अनुष्ठान तो साधक बिना किसी समस्या के कर लेते हैं, लेकिन चतुरक्षर के अनुष्ठान में उन्हें थोड़ी समस्या का सामना करना पड़ता है। समस्या से यहां तात्पर्य भगवती द्वारा ली जाने वाली परीक्षा से है। इस मंत्र में कई बार ऐसी परिस्थिति पैदा हो जाती है कि आपका अनुष्ठान बीच में ही छूट जाये, जैसे कहीं अचानक बाहर जाना पड़ जाये अथवा किसी काम में इतनी अधिक व्यस्तता हो जाये कि उस दिन के निर्धारित जप करने का समय ना मिले इत्यादि, लेकिन साधको को किसी भी परिस्थिति में किसी भी दिन जप नही छोड़ना है । यदि किसी कारण वश बाहर जाना भी पड़ भी जाये तो वही पर जाकर अपना जप पूर्ण करें एवं भगवती से क्षमा प्रार्थना करें । यदि आपने यह अनुष्ठान एक बार पूर्ण कर लिया तो भगवती की कृपा को प्राप्त करने से आपको कोई नही रोक सकता । भगवती पर विश्वास रखें एवं नियमित रूप से अपना जप करते रहें, आपको सफलता अवश्य मिलेगी ।

Baglamukhi Chaturakshara Mantra Pooja Vidhi in English

Anusthaan of Baglamukhi Chaturakshara Mantra is done after completing anusthaan of Baglamukhi Beej Mantra “HLREEM”. We have seen that sadhak easily completes  baglamukhi beej mantra anusthaan but they face difficulty while doing chaturakshara mantra anusthaan. Here difficulty means that ma baglamukhi takes exam of the sadhak during anusthaan. Sometime Devi baglamukhi will create a situation where you will not be able to do mantra jaap on a particular day. It could be due to your busy schedule or you may have to go out station for some work but remember that ma baglamukhi is taking your exam and you have to pass it to get her blessings. In any situation you have to complete your decided mantra jaap for each day. For example if you have taken sankalpa to do 125000 mantras (1250 Malas) in 21 days then you have to do 60 Malas (Rosary) per day. As per the rule of the anusthaan you can not leave your pooja any single day nor you can decrease the number of Malas (Rosary). Everyday you have to do 60 malas in any situation. So sadhak should complete these mantra jaap everyday. In any case if you are out of station then you should apologize in front ma and you should complete your mantra jaap at that location. Once you complete this anusthaan that no body can stop you to take blessings of ma baglamukhi. Have faith on Ma and continue your pooja everyday, you will definitely get the success.

Benefits of Devi Baglamukhi Puja

  • To win court cases (If you are victim of false court cases.)
  • To remove black magic / bhoot-pret/upri badha
  • To win enemies
  • To create happiness in family.
  • To remove graha dosha/ remove malefic effects of plantes.
  • To

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Shri Baglamukhi Ashtottara Shatanamavali (108 Names of Ma Baglamukhi)

Shri Baglamukhi Ashtottara Shatanamavali (108 Names of Ma baglamukhi 108 नामावली मां बगलामुखी ) Baglamukhi Ashtottara Shatanama Stotram

भगवती पीताम्बरा के भक्तों को प्रतिदिन मंत्र जप करने के पश्चात मां के अष्टोत्तर-शतनाम (108 नामावली मां बगलामुखी )का पाठ करना चाहिए । इसके पाठ से भगवती की विशेष कृपा प्राप्त होती हैा जिन साधको ने भगवती पीताम्बरा की दीक्षा अभी तक प्राप्त नही की है वो सर्वप्रथम गुरू मुख से दीक्षा लें एवं उसी के पश्चात पाठ करें।

इसे भी पढ़ें – कैसे बगलामुखी दीक्षा प्राप्त करें –

साधना को आरम्भ करने से पूर्व एक साधक को चाहिए कि वह मां भगवती  की उपासना अथवा अन्य किसी भी देवी या देवता की उपासना निष्काम भाव से करे। उपासना का तात्पर्य सेवा से होता है। उपासना के तीन भेद कहे गये हैं:- कायिक अर्थात् शरीर से , वाचिक अर्थात् वाणी से और मानसिक- अर्थात् मन से।  जब हम कायिक का अनुशरण करते हैं तो उसमें पाद्य, अर्घ्य, स्नान, धूप, दीप, नैवेद्य आदि पंचोपचार पूजन अपने देवी देवता का किया जाता है। जब हम वाचिक का प्रयोग करते हैं तो अपने देवी देवता से सम्बन्धित स्तोत्र पाठ आदि किया जाता है अर्थात् अपने मुंह से उसकी कीर्ति का बखान करते हैं। और जब मानसिक क्रिया का अनुसरण करते हैं तो सम्बन्धित देवता का ध्यान और जप आदि किया जाता है।
जो साधक अपने इष्ट देवता का निष्काम भाव से अर्चन करता है और लगातार उसके मंत्र का जप करता हुआ उसी का चिन्तन करता रहता है, तो उसके जितने भी सांसारिक कार्य हैं उन सबका भार मां स्वयं ही उठाती हैं और अन्ततः मोक्ष भी प्रदान करती हैं। यदि आप उनसे पुत्रवत् प्रेम करते हैं तो वे मां के रूप में वात्सल्यमयी होकर आपकी प्रत्येक कामना को उसी प्रकार पूर्ण करती हैं जिस प्रकार एक गाय अपने बछड़े के मोह में कुछ भी करने को तत्पर हो जाती है। अतः सभी साधकों को मेरा निर्देष भी है और उनको परामर्ष भी कि वे साधना चाहे जो भी करें, निष्काम भाव से करें। निष्काम भाव वाले साधक को कभी भी महाभय नहीं सताता। ऐसे साधक के समस्त सांसारिक और पारलौकिक समस्त कार्य स्वयं ही सिद्ध होने लगते हैं उसकी कोई भी किसी भी प्रकार की अभिलाषा अपूर्ण नहीं रहती ।
मेरे पास ऐसे बहुत से लोगों के फोन और मेल आते हैं जो एक क्षण में ही अपने दुखों, कष्टों का त्राण करने के लिए साधना सम्पन्न करना चाहते हैं। उनका उद्देष्य देवता या देवी की उपासना नहीं, उनकी प्रसन्नता नहीं बल्कि उनका एक मात्र उद्देष्य अपनी समस्या से विमुक्त होना होता है। वे लोग नहीं जानते कि जो कष्ट वे उठा रहे हैं, वे अपने पूर्व जन्मों में किये गये पापों के फलस्वरूप उठा रहे हैं। वे लोग अपनी कुण्डली में स्थित ग्रहों को देाष देते हैं, जो कि बिल्कुल गलत परम्परा है। भगवान शिव ने सभी ग्रहों को यह अधिकार दिया है कि वे जातक को इस जीवन में ऐसा निखार दें कि उसके साथ पूर्वजन्मों का कोई भी दोष न रह जाए। इसका लाभ यह होगा कि यदि जातक के साथ कर्मबन्धन शेष नहीं है तो उसे मोक्ष की प्राप्ति हो जाएगी। लेकिन हम इस दण्ड को दण्ड न मानकर ग्रहों का दोष मानते हैं।

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A devotee or sadhak should chant Baglamukhi Ashtottara Shatanamavali after mantra jaapa. 108 names of ma baglamukhi are very powerful and gives immense spiritual powers and blessings to the sadhak. If you have not taken ma baglamukhi diksha as of yet then first take ma baglamukhi mantra diksha and after that chant this stotram. Baglamukhi Ashtottara Shatanama Stotram.

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अष्टोत्तर-शतनाम-स्तोत्रम् ( 108 नामावली मां बगलामुखी )

ओम् ब्रह्मास्त्र-रुपिणी देवी, माता श्रीबगलामुखी

चिच्छिक्तिर्ज्ञान-रुपा च, ब्रह्मानन्द-प्रदायिनी ।। 1 ।।

महा-विद्या महा-लक्ष्मी श्रीमत् -त्रिपुर-सुन्दरी ।

भुवनेशी जगन्माता, पार्वती सर्व-मंगला ।। 2 ।।

ललिता भैरवी शान्ता, अन्नपूर्णा कुलेश्वरी ।

वाराही छिन्नमस्ता च, तारा काली सरस्वती ।। 3 ।।

जगत् -पूज्या महा-माया, कामेशी भग-मालिनी ।

दक्ष-पुत्री शिवांकस्था, शिवरुपा शिवप्रिया ।। 4 ।।

सर्व-सम्पत्-करी देवी, सर्व-लोक वशंकरी ।

वेद-विद्या महा-पूज्या, भक्ताद्वेषी भयंकरी ।। 5 ।।

स्तम्भ-रुपा स्तम्भिनी च, दुष्ट-स्तम्भन-कारिणी ।

भक्त-प्रिया महा-भोगा, श्रीविद्या ललिताम्बिका ।। 6 ।।

मेना-पुत्री शिवानन्दा, मातंगी भुवनेश्वरी ।

नारसिंही नरेन्द्रा च, नृपाराध्या नरोत्तमा ।। 7 ।।

नागिनी नाग-पुत्री च, नगराज-सुता उमा ।

पीताम्बरा पीत-पुष्पा च, पीत-वस्त्र-प्रिया शुभा ।। 8 ।।

पीत-गन्ध-प्रिया रामा, पीत-रत्नार्चिता शिवा ।

अर्द्ध-चन्द्र-धरी देवी, गदा-मुद्-गर-धारिणी ।। 9 ।।

सावित्री त्रि-पदा शुद्धा, सद्यो राग-विवर्द्धिनी ।

विष्णु-रुपा जगन्मोहा, ब्रह्म-रुपा हरि-प्रिया ।। 10 ।।

रुद्र-रुपा रुद्र-शक्तिद्दिन्मयी भक्त-वत्सला ।

लोक-माता शिवा सन्ध्या, शिव-पूजन-तत्परा ।। 11 ।।

धनाध्यक्षा धनेशी च, धर्मदा धनदा धना ।

चण्ड-दर्प-हरी देवी, शुम्भासुर-निवर्हिणी ।। 12 ।।

राज-राजेश्वरी देवी, महिषासुर-मर्दिनी ।

मधु-कैटभ-हन्त्री च, रक्त-बीज-विनाशिनी ।। 13 ।।

धूम्राक्ष-दैत्य-हन्त्री च, भण्डासुर-विनाशिनी ।

रेणु-पुत्री महा-माया, भ्रामरी भ्रमराम्बिका ।। 14 ।।

ज्वालामुखी भद्रकाली, बगला शत्र-ुनाशिनी ।

इन्द्राणी इन्द्र-पूज्या च, गुह-माता गुणेश्वरी ।। 15 ।।

वज्र-पाश-धरा देवी, जिह्वा-मुद्-गर-धारिणी ।

भक्तानन्दकरी देवी, बगला परमेश्वरी ।। 16 ।।

फल- श्रुति
अष्टोत्तरशतं नाम्नां, बगलायास्तु यः पठेत् ।

रिप-ुबाधा-विनिर्मुक्तः, लक्ष्मीस्थैर्यमवाप्नुयात्।। 1 ।।

भूत-प्रेत-पिशाचाश्च, ग्रह-पीड़ा-निवारणम् ।

राजानो वशमायाति, सर्वैश्वर्यं च विन्दति ।। 2 ।।

नाना-विद्यां च लभते, राज्यं प्राप्नोति निश्चितम् ।

भुक्ति-मुक्तिमवाप्नोति, साक्षात् शिव-समो भवेत् ।। 3 ।।

।। श्रीरूद्रयामले सर्व -सिद्धि-प्रद श्री बगलाष्टोत्तर शतनाम स्तोत्रम् ।।

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Shri Baglamukhi Hridaya Mantra in Hindi and Sanskrit देवी बगलामुखी हृदय मंत्र

Devi Baglamukhi Hridaya Mantra in Hindi and Sanskrit देवी बगलामुखी हृदय मंत्र

Baglamukhi Hridaya Mantra ( बगलामुखी हृदय मंत्र ) को देवता का हृदय कहा जाता हैा इसके जप से देवता का सानिध्य बढ़ता है एवं सिद्ध होने पर दर्शन प्राप्त होते हैं। अपने गुरूदेव से इस मंत्र की दीक्षा लेकर ही इसका जप करें । कई बार ऐसा देखा गया है कि कुछ लोग साधना के प्रारम्भ में ही हृदय मंत्र का जप शुरू कर देते है और जैसे ही देवता का सानिध्य बढ़ता है तो घबरा जाते है और डर से अपनी साधना बीच में ही छोड़ देतें हैा इसलिए साधको को मेरा परामर्श है कि जब आपके गुरूदेव कहें तभी इसका जप करें । नये साधको को इसके स्थान पर बगलामुखी हृदय स्तोत्र का पाठ करना चाहिए ।

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Hridaya mantra is said to be the heart of the deity.  It is said that a sadhak who chant baglamukhi hridaya mantra gets closer to devi baglamukhi and he get darshan of ma baglamukhi. It is also said that in beginning of baglamukhi sadhana this hridaya mantra should not be chanted as you won’t be able to handle its energy.

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